आज में आपको गॉरमिंट डिपार्टमेंट के ऑडिट के बारे में बताते हैं कि कैसे उनके खर्चे का-आमदनी का जो हिसाब किताब देखा जाता है ? हरेक विभाग का अपना-२
कार्य होता है । वैसे तो सरकार ने एक ऐसी एजेंसी है उनका हर जिले में डीसी के अंडर में वह इंटरनल ऑडिट करतें है ।
उसको प्रबंधकी भी कह सकते हैं । एक ऑडिट होता है डिपार्टमेंटल ; जैसे सर्कल आफिस है और डिवीजनल अफ़सर,सर्कल आफिस की साल में एक बार ऑडिट करता है उसके उपर जो सरकार,पंजाब सरकार का होता है उनका ऑडिट होता है,उसके बाद ए.जी.पंजाब का ऑडिट होता है,उसके बाद सी ए जी का ऑडिट होता है । चार प्रकार के ऑडिट होते हैं । यह ऑडिट अपनी-अपनी समर्थता के अनुसार वह चैक करते हैं ।
उसको प्रबंधकी भी कह सकते हैं । एक ऑडिट होता है डिपार्टमेंटल ; जैसे सर्कल आफिस है और डिवीजनल अफ़सर,सर्कल आफिस की साल में एक बार ऑडिट करता है उसके उपर जो सरकार,पंजाब सरकार का होता है उनका ऑडिट होता है,उसके बाद ए.जी.पंजाब का ऑडिट होता है,उसके बाद सी ए जी का ऑडिट होता है । चार प्रकार के ऑडिट होते हैं । यह ऑडिट अपनी-अपनी समर्थता के अनुसार वह चैक करते हैं ।