भारतीय संविदा अधिनियम 1872 की धारा 6 के अनुसार, आप निम्न तरीकों के साथ अपने प्रस्ताव को वापस ले सकते हैं।
1. सूचना देकर प्रस्ताव का रद्दीकरण
यदि प्रस्तावक अपने दिए प्रस्ताव को रद करना चाहता है तो उसे इसकी सुचना प्रस्ताव को स्वीकार करने वाले को देनी जरुरी है । यदि प्रस्ताव को रद करने के सुचना ही इसे स्वीकार करने वाले को न दी जाये तो इस प्रस्ताव का रद होना नही माना जायेगा । उद्धरण के लिए यदि यूटुब आप का अकॉउंट ससपेंड कर देता है तो वह इस की notification आप को ईमेल दुवारा बेजता है । Notification एक तरह से आप को सुचना देकर प्रस्ताव को रद करना होता है । इस तरह से युटुब ने अपने दिए offer को खत्म कर दिया है ।
2. इसे समय पर पूरा नहीं करने के प्रस्ताव का रद्दीकरण
यदि प्रस्ताव देने के बाद इस को स्वीकार करने वाला स्वीकार नही करता य इस के अनुसार कार्य को पूरा नही करता तो इसे प्रस्ताव का रद होना मन जाएगा ।
3. अपनी शर्तों को पूरा नहीं द्वारा की पेशकश की रद्दीकरण
यदि प्रस्ताव के साथ को शर्त भी है यदि स्वीकार करने वाला उसे स्वीकार ही नही करता तो भी प्रस्ताव रद हो जाता है ।
4. कारण मौत या प्रस्ताव दाता के पागल की पेशकश रद्दीकरण
यदि प्रस्ताव करने वाला पागल हो जाये या उस की मृत्यु हो जाये तो भी प्रस्ताव रद्द हो जाता है ।
5. पुनः ऑफर ने प्रस्ताव की रद्दीकरण
यदि प्रस्ताव करने वाला कोई नई शर्त इस में डाल देता है तो भी पिछला प्रस्ताव खत्म हो जाता है । मान लीजिये के आप साबन की टिकिया बेच रहे हो । आप ने इस का रेट बड़ा दिया है तो पिछले रेट का प्रस्ताव खत्म हो जाएगा ।
6. प्रस्ताव की उचित विधि के साथ की पेशकश नहीं द्वारा की पेशकश की रद्दीकरण
प्रस्ताव को उचित तरीके से नहीं दिया जाता है, तो इसे रद्द कर दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, खरीदार विक्रेता से लिखित कॉन्ट्रैक्ट चाहता है पर विक्रेता बिना लिखित के ही बेचना चाहता है तो विक्रेता का यह प्रस्ताव आपने आप ही खत्म हो जायेगा ।
इस लेख को अपनी भाषा में पड़े
COMMENTS