आज मैं जब सुबह खबरें पढ रहा था तो आचनक ही मेरी नजर एक ऐसी खबर पर पढी जिस को सुन कर मुझे बहुत निराशा हुइ वह थी आधयपकों के चरित्र के विनाश की खबर ।
तो मेरा आज काफी समय के बाद दिल किया कि इस विषय पर लिखा जाए कि हम कैसे आधयपकों के चरित्र को सुधार सकते है
तो मेरा आज काफी समय के बाद दिल किया कि इस विषय पर लिखा जाए कि हम कैसे आधयपकों के चरित्र को सुधार सकते है
- सब से आसान तरीका है कि आधयपकों को सवम ही आतम चीनतन करना चहिए कि उन का कारय ज्ञान देना है ना कि गलत काम करना
- आधयापक को लगाने से पहले चरित्र की भी जांच करनी चाहिए ।
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